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डॉ बी. वेंकटरामन
निदेशक, इंगांपअकें

डॉ बालासुब्रमण्यम वेंकटरामन ने सन् 1983 ई. में सेंट जोसेफ कॉलेज (स्वायत्त), तिरुचिरापल्ली से भौतिकी में स्नातकोत्तर तथा मद्रास विश्वविद्यालय से पीएच.डी. किया है। इसके पश्चात उन्होंने मुंबई में भापअकें प्रशिक्षण स्कूल के 27वें बैच में प्रवेश लिया और उसे सफलतापूर्वक पूरा कर, सन् 1984 ई. में रेडियो धातुकर्म प्रयोगशाला, इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर), कल्पाक्कम में नियुक्त हुए। अपने 37 वर्षों के शोध कार्यकाल में आपने गैर-विनाशकारी मूल्यांकन (एनडीई) की भौतिकी को अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ा है और परमाणु तथा अन्य रणनीतिक और महत्वपूर्ण उद्योगों में तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण समस्याओं के लिए लगातार उत्कृष्ट आर एंड डी समर्थन और मजबूत एनडीई आधारित समाधान प्रदान किया है। परमाणु उद्योग के लिए आपकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों में - उच्च किरणित ईंधन पिन की एक्स-रे और न्यूट्रॉन रेडियोग्राफी के लिए प्रक्रियाएं, पीएफबीआर भाप जनित्र के ट्यूब-टू-ट्यूब शीट वेल्ड के मूल्यांकन हेतु व्यापक एनडीई तथा परिरक्षण संरचनाओं का रेडियोमेट्रिक परीक्षण गतिविधियां शामिल हैं। इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र, कल्पाक्कम में पारंपरिक व डिजिटल एक्स-रे, न्यूट्रॉन रेडियोग्राफी और तापीय बिम्बन सुविधाओं की स्थापना में आपका प्रमुख योगदान रहा है। आप केकेएनपीपी-1 और 2 के गुणवत्ता आश्वासन संबंधी पहलुओं की समीक्षा करने के लिए पऊवि टीम का हिस्सा थे। सामरिक महत्व के उद्योगों के लिए, जिन महत्वपूर्ण गतिविधियों में आप जुड़े रहे, उनमें एमआई-8 और एमआई-17 रक्षा हेलीकाप्टरों के टेल रोटर ब्लेड का मूल्यांकन एवं जीवन-अवधि विस्तार के लिए मल्टी एनडीई तकनीकों का मानकीकरण, एनडीई में 100 से अधिक भारतीय वायुसेना कर्मियों का प्रशिक्षण और डीएमआर 1700 मिश्र धातु के उपयोग से रॉकेट मोटर आवरण के निर्माण के दौरान गुणवत्ता आश्वासन, वेल्डिंग प्रक्रियाओं तथा एनडीई गतिविधियों का पुनरीक्षण शामिल है। आपकी विशेषज्ञता का उपयोग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा प्रारंभिक पीएसएलवी और जीएसएलवी से संबंधित चुनौतीपूर्ण एनडीई समस्याओं को हल करने, Ti-6Al-4V मिश्र धातु से बने उपग्रह गैस के बोतलों और इन्सैट के पृथ्वी सेंसर के योग्यता परीक्षण के लिए किया गया। आपने कामिनी रिएक्टर का उपयोग करके पायरो उपकरणों की जांच के लिए न्यूट्रॉन रेडियोग्राफी प्रक्रिया विकसित की। एक भौतिक विज्ञानी के रूप में, आपने पदार्थ मूल्यांकन और अभिलक्षणन तथा विकिरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और इन्फ्रारेड थर्मोग्राफी से संबंधित एनडीई के क्षेत्र में अनुप्रयुक्त अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। आपने विकृति अध्ययन, ऑनलाइन वेल्ड निगरानी और स्तन कैंसर के शीघ्र पहचान हेतु आईआर थर्मोग्राफी के अनुप्रयोग का मार्ग प्रशस्त किया है।

डॉ. वेंकटरामन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी ज्ञान आधार के अनूठे अनुप्रयोगों में से एक कला, पुरातत्व और राष्ट्रीय विरासत के लिए एनडीई पद्धतियों और तकनीकों का सफल अनुप्रयोग रहा है। आपने प्राचीन दक्षिण भारतीय कांस्य के अभिलक्षणन और फिंगरप्रिंटिंग के लिए रेडियोग्राफी और एक्स-रे फ्लोरेसेंस पर आधारित पारंपरिक और उन्नत एनडीई विधियों के विकास और अनुप्रयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आपने इस तरह के कांसे की ढलाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लुप्त हो चुकी वैक्स प्रोसेस की प्राचीन पद्धति का भी गहन अध्ययन किया। इस प्रकार अर्जित विशेषज्ञता और अनुभव को दुनिया के सबसे ऊंचे नटराज के निर्माण के दौरान सफलतापूर्वक लागू किया गया जिसे जून 2004 में पऊवि द्वारा सीईआरएन को उपहार में दिया गया था। हाल ही में आप तमिलनाडु में गठित नकली मूर्तियों की पहचान के लिए जांच दल का हिस्सा थे, आपको मैसूर पैलेस के अधिकारियों ने गोल्ड लीफ के पेंटिंग की जांच और एएसआई द्वारा बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर के कलशों के मूल्यांकन हेतु आमंत्रित किया था।

डॉ वेंकटरामन वर्ष 2007 हेतु व्यक्तिगत उत्कृष्ठता के लिए पऊवि होमी भाभा विज्ञान और प्रौद्योगिकी पुरस्कार तथा वर्ष 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2015, 2016 के दौरान पऊवि के सामूहिक उपलब्धि पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। आपको आईएनएस गोल्ड मेडल 2005, आईएसएनटी-एनडीटी मैन ऑफ द ईयर पुरस्कार (आर एंड डी) 2001, डी एंड एच शेरॉन अवार्ड, 1993, आईआईडब्ल्यू शार्प टूल्स अवार्ड 2011, आईएसएनटी अंतरराष्ट्रीय सम्मान 2013 प्रदान किया गया है और आपने 10 से अधिक सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार जीता है। आपको एनडीटी पर एशियाई प्रशांत सम्मेलन सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में कई प्रधान/समग्र/आमंत्रित वार्ता देने के लिए आमंत्रित किया गया है। आप 2006-2007 के दौरान एनडीटी सारब्रुकन के फ्रौनहोफर इंस्टीट्यूट में अतिथि वैज्ञानिक रह चुके हैं।

आप इंडियन सोसाइटी फॉर नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग के मानद फेलो, चेन्नई एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो, एशियन पैसिफिक फेडरेशन ऑफ एनडीटी के कार्यकारी बोर्ड सदस्य, एनडीटी पर 14 वें एशियाई प्रशांत सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष, क्वांन्टिटेटिव इन्फ्रारेड थर्मोग्राफी एशियन सब कमिटी के पूर्व अध्यक्ष, इंडियन सोसाइटी फॉर नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग के अध्यक्ष, इंडियन एसोसिएशन फॉर रेडिएशन प्रोटेक्शन के अध्यक्ष, अमेरिकन सोसाइटी फॉर एनडीटी (एएसएनटी) - इंडिया सेक्शन के अध्यक्ष रह चुके हैं। आपके 300 से अधिक आलेख पत्रिकाओं और सम्मेलनों में प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें पदार्थ विज्ञान के इन्साइक्लोपीडिया में दो लेख, दो मोनोग्राफ, तीन पुस्तकें शामिल हैं। आप एनसीबी-आईएसएनटी द्वारा प्रकाशित एनडीटी हैंडबुक के लिए डॉ. बलदेव राज के साथ श्रृंखला संपादक हैं।

आप वर्तमान में प्रतिष्ठित वैज्ञानिक की श्रेणी में निदेशक, इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र, कल्पाक्कम, निदेशक, सामान्य सेवा संगठन, कल्पाक्कम तथा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (प्रभारी) के रूप में सेवारत हैं। आप एचबीएनआई में वरिष्ठ प्रोफेसर भी हैं और आपने पीएचडी के लिए 5 छात्रों का शोध-निर्देशन किया है और वर्तमान में 3 छात्रों के शोध-निर्देशक हैं।

डॉ. वेंकटरामन को वेल टेक रंगराजन डॉ. सगुंथला आर एंड डी इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, चेन्नई द्वारा परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।