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श्री सी.जी. करहाडकर
निदेशक, इंगांपअकें

श्री चंद्रशेखर गौरीनाथ करहाडकर, मैकेनिकल इंजीनियर, बीएआरसी प्रशिक्षण स्कूल, मुंबई के 31वें बैच से हैं। इसके पश्चात वे वर्ष 1988 में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र ट्रॉम्बे, मुंबई के रिएक्टर वर्ग के रिएक्टर प्रचालन प्रभाग में शामिल हुए। श्री सी.जी. करहाडकर के पास छत्तीस वर्षों का अनुभव है और इस दौरान उन्होंने शिफ्ट चार्ज इंजीनियर से लेकर रिएक्टर समूह के निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला है।

बीएआरसी के रिएक्टर वर्ग के निदेशक के रूप में, आपने बीएआरसी के अनुसंधान रिएक्टर कार्यक्रमों का संचालन किया। इन कार्यक्रमों में बीएआरसी में सुरक्षित और कुशल प्रचालन, उपयोग, उन्नयन, सुरक्षा पहलूओं का संवर्धन, विकमीशनन तथा नए अनुसंधान रिएक्टरों की योजना बनाना शामिल है। आपने ध्रुवा रिएक्टर को उसके पूर्ण पावर स्तर पर प्रचालित करने और उसके ईंधन प्रदर्शन को बेहतर बनाने में व्यापक रूप से योगदान दिया है। आपने साइरस रिएक्टर के शटडाउन के पश्चात और COVID-19 बाद, चिकित्सा जगत के लिए आइसोटोप की आपूर्ति को बनाए रखने में व्यापक रूप से योगदान दिया है। आपके नेतृत्व में ध्रुवा को कोर अनलोडिंग के बिना ही अभिनव तरीके से नवीनीकृत किया गया, जिससे अनुरक्षण कार्य तय समय से काफी पहले पूरा हो गया। आपने न्यूट्रॉन रेडियोग्राफी, न्यूट्रॉन सक्रियण विश्लेषण, संसूचकों के त्वरित जीवन परीक्षण, पदार्थ किरणन अध्ययन आदि जैसे औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए अनुसंधान रिएक्टर के उपयोग को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम शुरू किया है।

श्री सी.जी. करहाडकर के नेतृत्व में, अप्सरा-U (2 MW रिएक्टर) की कमीशनन गतिविधियों को पूरा किया गया और क्रांतिकता की ओर पहला कदम बढ़ाया गया तथा साइरस जैसे बड़े रिएक्टर के लिए विकमीशनन योजना को भी सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। आपने पुराने अप्सरा के डी-रेगुलेशन में भी व्यापक रूप से योगदान दिया ताकि इसे पऊवि संग्रहालय में परिवर्तित किया जा सके।

श्री सी.जी. करहाडकर ने कई प्रशासनिक, वित्तीय, तकनीकी और नियामक समितियों की अध्यक्षता की है। आपने प्रापण प्रक्रियाओं में सुधार करने में भी अग्रणी भूमिका निभाई है, इससे बीएआरसी में परियोजनाओं के त्वरित निष्पादन के लिए प्रापण प्रक्रिया सरल हो गई है। आप बीएआरसी में विभिन्न रणनीतिक समितियों के सदस्य भी हैं।

वर्तमान में श्री सी.जी. करहाडकर प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र, कल्पाक्कम एवं सामान्य सेवा संगठन, कल्पाक्कम के निदेशक हैं।